(दुनिया के जाबिर और बेअक्ल हुक्मरानों के नाम )
अबू बकर अब्बाद
ज़ुल्म की रा त हो, जब्र की बात हो
गम के बादल,मसाइब की बरसात हो
आरज़ी हैं ,ये सब
नमूद ए शुआ ए अमां से ये पहले ही छट जाते हैं
ज़ात खुद सर की,जाबिर की,ज़ालिम की हो
ऎसे हाकिम ;
के फ़िरऔन व रावण के नुत्फे से हों
मिस्ले उस्तूरी ककनस परिंदे हैं ये
अपनी ही आग में जल के मर जाते हैं
ख़ाक हो जाते हैं
या जो शक्ति की ख्वाहिश के बीमार हों
भस्मा सुर की तरह
बद अक्ल व मक्कार हों
ऐसे हाकिम सदा
अपने ही मक्र से ,अपनी बदअक़्ल से
भस्म हो जाते हैं ,खत्म हो जाते हैं
* ककनस सहरा में रहने वाला देवमालाई परिंदा ,जिसकी चोंच में 360 सुराख होते हैं ,जब खुश हो कर गाना चाहता है तो जल कर रख हो जाता है और उसी
राख से उसका दोबारा जन्म होता है या वह जलते वक़्त एक अंडा देता है जिस से नया बचा जन्म लेता है.(3.6.2020)