सोशल मीडिया का अधिक उपयोग छात्रों के लिए घातक: प्रोफेसर अंजुम
( सीएम कॉलेज में एकदिवसीय वेबीनार)
दरभंगा-17 अगस्त : आज पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को इस ने प्रभावित किया है। साहित्य और भाषा को भी इसने बड़ी हानि पहुंचाई है। लेकिन 21वीं सदी जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इंकलाब की सदी है इसलिए नई तकनीक की बदौलत इस महामारी का हम मुकाबला भी कर रहे हैं। उक्त बातें प्रोफेसर के इकरामुद्दीन जेएनयू, नई दिल्ली ने कही प्रोफेसर इकराम स्थानीय सी एम कॉलेज, दरभंगा के उर्दू विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय वेबीनार विषय ”उर्दू भाषा एवं साहित्य का आधुनिक स्वरूप और सोशल मीडिया” के प्रारंभिक सत्र में बीज भाषण दे रहे थे । प्रोफ़ेसर इकराम ने कहा कि विश्व को अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाना होगा और शैक्षणिक संस्थानों में नई तकनीक को बढ़ावा देकर छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने की पहल आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा विश्व की छठे स्थान पर बोली और समझी जाने वाली भाषा है ।आज सोशल मीडिया के युग में अन्य भाषाओं के साथ उर्दू के लिए भी एक सुनहरा अवसर है की उर्दू वाले तकनीक का उपयोग कर प्रत्येक क्षेत्र में उर्दू की उपस्थिति दर्ज कराएं। वेबीनार के मुख्य अतिथि डॉ शेख अकील अहमद, निदेशक नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू, भारत सरकार, नई दिल्ली ने कहा कि उर्दू भाषा के विकास में सोशल मीडिया की भागीदारी बढ़ गई है। अन्य भाषाओं की तरह भारत सरकार उर्दू भाषा के विकास के लिए भी नई तकनीक को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा की सी एम कॉलेज दरभंगा द्वारा आयोजित यह वेबीनार सामयिक और ज्वलंत विषय पर है इस वेबीनार से राष्ट्रीय स्तर पर एक नया परिदृश्य सामने आएगा। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर मुश्ताक अहमद ने विषय प्रवेश के साथ साथ सीएम कॉलेज का संक्षिप्त इतिहास पेश किया और मिथिलांचल में इस कॉलेज की जो ऐतिहासिक योगदान है उस पर प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर शहजाद अंजुम जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने कहा कि सोशल मीडिया ने असल और नकल की पहचान खत्म कर दी है। कोई भी जानकारी अधिक से अधिक साझा करने की होड़ लग गई है। किसी कवि किसी साहित्यकार की सामग्री को दूसरे कवि और साहित्यकार के नाम से परोसा जा रहा है । इसलिए शैक्षणिक संस्थानों में सोशल मीडिया पर कड़ी निगाह रखने की आवश्यकता है कि यह घातक भी साबित हो सकता है। प्रोफ़ेसर नदीम अहमद, दिल्ली, प्रोफेसर मोहम्मद काजिम दिल्ली, डॉक्टर सहाना मरियम, हैदराबाद, डॉक्टर नसीम अहमद नसीम ,बेतिया, डॉ निशा यदि, दिल्ली , प्रोफेसर रियाज अहमद जम्मू प्रोफेसर आफताब अशरफ ,दरभंगा, डॉक्टर मोहम्मद अरशद हुसैन, दरभंगा आदि ने उक्त विषय पर अपने आलेख पढ़े और वर्तमान समय में उर्दू साहित्यकारों द्वारा नई तकनीक के माध्यम से उर्दू साहित्य एवं भाषा के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला । तकनीक सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर आफताब अशरफ, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने किया वेबीनार का सीधा प्रसारण सीएम कॉलेज के फेसबुक, टि्वटर और इंस्टाग्राम के द्वारा भी किया गया जिससे बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी वेबिन्नार से लाभान्वित हुए। प्रथम सत्र का संचालन डॉक्टर अब्दुल हई, उर्दू विभाग, सीएम कॉलेज ने किया जबकि दूसरे सत्र का संचालन डॉक्टर मसरूर सोगरा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ नफासत कमाली ने किया ।