एक कदम हम बढ़ाते हैं
एक कदम तुम भी बढ़ाओ
अमन व शांति की तरफ बढ़ते चलो
और आओ एक नया जगत बनाते हैं
तो फिर आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना….
क्यों पड़ते हो इन नेताओं के चक्कर में
क्यों अपने मुस्तकबिल को बर्बाद करते हो
कब से बाहर निकलोगे
जब बर्बादी के दहाने पर खड़े हो जाओगे
बर्बाद होकर कुछ तो समझ आ गया होगा ना
तो फिर आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना…
व जो हमारे पुरखों ने देखे थे सपने
महज किसी की कुर्सी की खातिर
क्यों भाईचारे हर वक्त चकनाचूर करते हो
संभल जाओ वरना गुलामी फिर से नसीब बनेगी
तो आओ अपने पुरखों के सपनों को साकार बनाते हैं
तो फिर आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना….
हो बेरोजगार तंगहाली नंगे बदन भूखे पेट
नेताओं के जयकारे करते रहते हो
अपने मन मस्तिक से कब पूछोगे
कि क्या हम सही करते हैं नहीं ना
इन गुलामी की जंजीरों को तोड़ते हैं
तो फिर आओ सब मिलकर सुखी समृद्ध भारत बनाते हैं
आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना…
बेटियां सुरक्षित नहीं उसमें भी हिंदू मुस्लिम करते रहते हो
कब दूसरों की बेटियों को भी खुद की बेटी समझोगे
क्या जब घर आंगन की खुशहाली लूटा बैठोगे
इंसानियत तो अब भी होगा ना
तो फिर आओ ना सब मिलकर खुशगवार आंगन बनाते हैं
आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना…..
बचपन की कुछ यादों को बतलाता हूं
दोस्तों संग ईद की सवईयों पर मारामारी
या फिर पूजा की थाली से टीका लगवाना
प्रसादी के क़तार में मेरा सबसे आगे जाना
याद तो आता ही होगा ना
तो फिर आओ ना फिर से वही भारत बनाते हैं
आओ ना आओ ना एक नया भारत बनाते हैं
आओ ना…..