जेल से 23 महीने बाद अब्दुल्ला आजम के रिहा होने के बाद सपा नेता व सांसद आजम खां की रिहाई के आसार नजर आने लगे हैं। तमाम मामलों में जमानत हो चुकी है। दो मामलों में पेंच फंसा होना बताया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह आजम जेल से रिहा हो सकते हैं।
27 फरवरी 2020 को सीतापुर की जेल में आजम खां, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा, बेटा अब्दुल्ला आजम बंद हुए थे। तंजीन फातिमा दिसंबर 2020 में रिहा हो चुकी हैं। अब्दुल्ला आजम 15 जनवरी को जेल से रिहा हो चुके हैं। ऐसे में सूत्रों की माने तो अब जल्द ही आजम भी जेल से रिहा हो सकते हैं। जेलर आरएस यादव ने बताया कि आजम की एक-दो रिहाई रोजाना आ रही हैं। सोमवार को भी रामपुर से रिहाई की पुष्टि के लिए रेडियोग्राम आया था। रेडियोग्राम पुष्टि करता है कि मामले में रिहाई हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अब तक 14 मामलों की पुष्टि आई है। इन मामलों में रिहाई कोर्ट से हो चुकी है। जेल को भी इसका परवाना आएगा, लेकिन दो मामलों में पेंच फंसा हुआ है। उसी में जमानत मंजूर होने के बाद रिहाई हो सकेगी। अगले सप्ताह रिहाई हो सकती है, लेकिन अभी पुष्टि के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
जेल अधीक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति और अब्दुल्ला की उम्र के मामले में पेंच फंसा हुआ है। आजम खां की ओर से भी संभावना जताई जा रही है कि एक सप्ताह बाद उनकी जमानत हो सकती है।
आजम खां की ओर से दी गई जमानत की अर्जी
गाली-गलौज करने व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के तीन साल पुराने मामले में सीतापुर जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत अर्जी दी गई। विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमरीश कुमार श्रीवास्तव ने इस पर सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।
वादी अल्लामा जमीर नकवी ने मामले की रिपोर्ट एक फरवरी 2019 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है, लेकिन तत्कालीन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। उसने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य को शिकायत भेजकर आरोप लगाया है कि आजम खां सरकारी लेटरहेड व मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस और मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी को बदनाम कर उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचे रहे हैं।