नई दिल्ली: हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर देश में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर बनाने का शेड्यूल तय हो चुका है तो जल्द ही इसके विरोध का भी शेड्यूल फाइनल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानी NRC का पहला चरण नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है. एक खबर का लिंक शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, “एनपीआर एनआरसी की ओर पहला कदम है. भारत के गरीबों को इस प्रक्रिया में मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ‘संदिग्ध नागरिक’ के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. यदि एनपीआर के काम के शेड्यूल को अंतिम रूप दिया जा रहा है, तो इसका विरोध करने के लिए कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जाएगा.” ओवैसी की यह प्रतिक्रिया उस खबर के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि देश के महारजिस्ट्रार के दफ्तर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए प्रश्नावली या कार्यक्रम को फाइनल रूप दिया जा रहा है लेकिन 2021 के पहले चरण की जनगणना की संभावित तारीख अभी सामने नहीं आ सकी है.
बता दें कि 13 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने NPR को प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) और हालिया नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के साथ लिंक करने का विरोध किया है. 2003 में बनाए गए नागरिकता नियमों के अनुसार, एनपीआर भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRIC) या NRC के संकलन की दिशा में पहला कदम है.
(इनपुट khabar.ndtv.com)
बता दें कि 13 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने NPR को प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) और हालिया नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के साथ लिंक करने का विरोध किया है. 2003 में बनाए गए नागरिकता नियमों के अनुसार, एनपीआर भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRIC) या NRC के संकलन की दिशा में पहला कदम है.
(इनपुट khabar.ndtv.com)