संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अहमद नसीर अल रईसी इंटरपोल के नए चीफ होंगे। वो इस पद पर चार साल रहेंगे। गुरुवार को तुर्की के इस्तांबुल में हुई इंटरपोल के 140 सदस्य देशों की मीटिंग में नसीर को इंटरपोल प्रेसिडेंट चुना गया। उन्होंने चेक रिपब्लिक के कर्नल सैकरा हर्वेनकोवा को हराया।
CBI के स्पेशल डायरेक्टर प्रवीण सिन्हा इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन (इंटरपोल) की एग्जीक्यूटिव कमेटी (एशिया) में शामिल किए गए हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक सिन्हा का सिलेक्शन बड़ी कामयाबी है, क्योंकि इस रेस में चीन, सिंगापुर, जॉर्डन और साउथ कोरिया के अफसर भी थे। भारत के सभी मित्र देशों ने सिन्हा का समर्थन किया। तुर्की में भारत के एम्बेसडर लगातार सिन्हा के लिए कोशिश कर रहे थे।
होम मिनिस्ट्री में तैनात हैं रईसी
डॉक्टर अहमद नसीर अल रईसी फिलहाल यूएई की होम मिनिस्ट्री में इंस्पेक्टर जनरल हैं। उन्हें सख्त एडमिनिस्ट्रेटर माना जाता है, वो देश के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट में भी रह चुके हैं। इंटरपोल 1920 में बना था। इसके बाद से यह पहला मौका है जब मध्यपूर्व यानी मिडिल-ईस्ट से कोई अफसर इंटरपोल का चीफ बना है।
यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा के डिप्लोमैटिक एडवाइजर अनवर सईद ने कहा- हम रईसी को इस पद पर चुने जाने के लिए बधाई देते हैं। वो बहुत काबिल अफसर हैं और उनका चुनाव बताता है कि UAE में कानून के कितने अच्छे अधिकारी हैं।
टेक्नोलॉजी पर फोकस
नसीर को मॉडर्न टेक्नोलॉजी में भरोसा रखने वाला और इसे प्रमोट करने वाला अफसर माना जाता है। पिछले दिनों एक अखबार में लिखे आर्टिकल में रईसी ने कहा था- अपराध का तरीका तेजी से बदला है। हमें इस पर काबू पाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा। अब इंटरपोल में बड़े और जल्दी बदलाव करने की जरूरत है। इंटरपोल बीच में नहीं रह सकता, उसे बदलते वक्त के हिसाब से खुद को ढालना होगा। इसके लिए ये भी जरूरी है कि इसके सदस्य देशों में आपसी सहयोग हो। इंटरपोल का बजट 150 मिलियन डॉलर है।
ड्रग स्मगलिंग बड़ा चैलेंज
इंटरपोल के संपर्क में सदस्य देशों की एजेंसियां जो कई मिशन को अंजाम देती हैं, इनके सहयोग से ही मानव तस्करी, ग्लोबल ड्रग्स रैकेट और आर्थिक अपराधों पर कार्रवाई की जाती है। हाल ही में अबुधाबी में इंटरपोल ने मानव तस्करी से जुड़े 286 अपराधियों को गिरफ्तार किया था।
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