अपनी बातें कहा नहीं करते
हम ख़्मोशी को वा नहीं करते
ख़ुद से जो राब्ता नहीं करते
ज़िन्दगी से वफ़ा नहीं करते
बस सुनाते हो फेसला अपना
तुम कभी मशवरा नहीं करते
तुम ये दुन्या भी जीत सकते हो
बस ज़रा होसला नहीं करते
तुम को मालूम! क्या है आज़ादी
तुम परिन्दे रिहा नहीं करते
अपनी फ़ोटो बग़ोर मत देखो
आँख को आइना नहीं करते