नई दिल्ली: जुलाई 26, 2020। विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय महामंत्री श्मिलिंद परांडे ने देश में कथि तौर पर बढ़ती गौ तस्करी व गौ हत्याओं की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मांग की है कि राज्य सरकारें व स्थानीय पुलिस-प्रशासन इन घटनाओं के विरुद्ध ना सिर्फ कठोर कार्यवाही करें बल्कि भविष्य में इनकी पुनरावृत्ति रोकने हेतु पूरी संवेदनशीलता के साथ समुचित कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उडीसा के बालेश्वर में, गुजरात के वडोदरा, भारूच व वलसाड में तथा महाराष्ट्र के अमरावती सहित देश के अनेक हिस्सों में बकरीद से ठीक पूर्व बढ़ी गौ-तस्करी की घटनाएं हुइ हैं जिनमें विहिप-बजरंगदल कार्यकर्ताओं व अन्य गौ-रक्षकों की मदद से गौवंश को बचाकर प्रकाश में लाया गया किन्तु, इनके अतिरिक्त भी देश के अनेक भागों से गौ-तस्करी की सूचनाएं आए दिन प्राप्त होती रहती हैं। कुछ राज्यों में गौहत्या रोधी कानून लचर हो सकता है किन्तु अधिकाँश में कठोर कानून के बावजूद पुलिस-प्रशासन के लचर रवैए, लापरवाही या मिलीभगत से गौ-हत्यारे व गौ तस्कर सक्रिय हैं। इन क्षेत्रों में गौ-रक्षकों को मजबूरी में अपने प्राण संकट में डालकर सडकों पर उतरना पड़ता है जो बेहद चिंता जनक है।
विहिप महा सचिव ने यह भी कहा कि अनेक बार मुस्लिम उलेमाओं के गौकसी विरोधी वयानों के बावजूद बकरीद से पूर्व इस प्रकार की घटनाओं में विगत कुछ वर्षों में बृद्धि ही देखने में आई है। इसलिए मुस्लिम समुदाय के विद्वानों, नेताओं व वरिष्ठ लोगों को भी अपने समाज के प्रबोधन हेतु गंभीरता से कदम उठाने चाहिए। हिन्दू समाज गौरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी कीमत पर हम गौ ह्त्या या गौ-तस्करी नहीं होने देंगे।
विश्व हिन्दू परिषद् ने मांग की है कि सभी राज्य सरकारें, पुलिस-प्रशासन गौहत्यारों व गौ तस्करों के विरुद्ध कठोरता से स्वत: कार्यवाही करें जिससे गौ रक्षकों को सडकों पर आने के लिए मजबूर ना होना पड़े. उन्होंने यह भी मांग की कुछ राज्यों में, बकरीद के अवसर पर, वाहनों में जानवरों को लाने-लेजाने की अधिकतम संख्या में जो ढील दी जाती है उसे ना दिया जाए.