राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमिपूजन के संदर्भ में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रया पर आपत्ति जताते हुए पार्टी कांग्रेस के लोकसभा सदस्य टीएन प्रतापन ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे नहीं भाग सकती।
केरल के त्रिशूर से सांसद ने यह भी कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा राम मंदिर को लेकर जो रुख अपनाया गया है वो स्वीकार्य है क्योंकि उन्होंने एकता की बात की। गौरतलब है कि कमलनाथ ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था और बहुत समय से हर भारतवासी की आकांक्षा थी कि राम मंदिर का निर्माण हो।
कमलनाथ ने भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय के मुख्यद्वार पर भगवान श्रीराम की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव की शुरुआत की थी और आरती कर भगवान राम का पूजन भी किया। दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर निर्माण के शुभारंभ का स्वागत किया, हालांकि उन्होंने भूमिपूजन के मुहुर्त को लेकर सवाल खड़े किए थे।
प्रतापन ने सोनिया को लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया बहुत खराब थी। कांग्रेस का रुख भाजपा के हिंदुत्व के रुख का समर्थन करना नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘मेरा नाम प्रतापन है, मैं भी हिंदू हूं। मैं भगवान की अराधना करता हूं। मैं अक्सर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर जाता हूं और उनका आशीर्वाद लेता हूं। लेकिन हम उस हिंदुत्व का समर्थन नहीं कर सकते जो भाजपा और आरएसएस का है।’’
प्रतापन ने पत्र में कहा कि ‘‘हम अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे इसके नरम स्वरूप के साथ भाग नहीं सकते। हमें इस हालात का अहसास करना चाहिए और तत्काल विकल्प को स्वीकार करना चाहिए। यह एकता, सौहार्द और सहिष्णुता की राजनीति की विरासत पर आधारित होना चाहिए।’’