पटना: सूबे में रविवार को भी बाढ़ से हालात चिंताजनक बने रहे। रविवार को कई जिलों में हल्की बारिश हुई। नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा । पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में पानी धीरे-धीरे घट रहा है। नदियां कटाव कर रही हैं। सुपौल में कोसी ने पश्चिमी तटबंध के दो बिंदुओं पर दबाव बनाया है। गोपालगंज के मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मुंडेरा व मूंजा में भी शनिवार को सारण तटबंध के टूटने से बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। दरभंगा और मुजफ्फरपुर में भी दो बांध टूट गए। इससे कई गांवों में पानी फैल रहा है। समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य पथ पर बागमती और दरभंगा-जयनगर एनएच -527 बी पर खिरोई का पानी चढ़ गया है। समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर तीसरे दिन और सुगौली-मंझौलिया रेलखंड पर दूसरे दिन ट्रेन परिचालन बाधित रहा। बाढ़ के पानी में डूबने से पूर्वी चंपारण के छह, गोपालगंज के तीन दरभंगा और सहरसा में दो-दो, मधुबनी, सीतामढ़ी , सिवान और पूर्णिया में एक-एक की व्यक्ति की मौत हो गई।
पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 1.63 लाख क्यूसेक रहा। पूर्वी चंपारण में केसरिया के राजद विधायक डॉ. राजेश कुमार के गांव सरोत्तर के पास पुल ध्वस्त हो गया। मोतिहारी शहर के पास के क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। आपदा कार्य में लापरवाही के कारण सुगौली व मोतिहारी सीओ हटा दिए गए। वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों से फूड पैकेट्््स गिराए गए। मधुबनी में कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर है। समस्तीपुर के निचले क्षेत्रों में पानी फैला है। सीतामढ़ी में नदियां लाल निशान के पार हैं। मोतिहारी व सीतामढ़ी से शिवहर का संपर्क भंग रहा।
पूर्वी चंपारण में केसरिया का विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप भी पानी से घिर गया है। मेहसी प्रखंड के कई गांवों में भी पानी प्रवेश कर गया है। मधुबनी और समस्तीपुर के दर्जनों गांवों में पानी जमा है। वहीं दरभंगा में हेलीकॉप्टर से राहत बांटी गई। पूर्वी चंपारण और दरभंगा में डीएम ने हेलीकॉप्टर से सर्वे किया। मोतिहारी, सीतामढ़ी और दरभंगा शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। तीनों शहरों के कई मोहल्ले पानी से घिरे हैं। सीतामढ़ी और दरभंगा शहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों पर पानी बह रहा है।