नई दिल्ली:”कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस समय चुनावी राज्य तमिलानडु के दौरे पर हैं. वो लगातार अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कभी जंगलों में गांव के लोगों के साथ मिलकर खाना पकाते नजर आ रहे हैं, तो मछुआरों के साथ मछली पकड़ने के लिए समुद्र में छलांग लगाते भी दिख जा रहे हैं. दूसरी ओर पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने एक बार फिर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. G-23 के नेताओं (कांग्रेस के बागी नेताओं का समूह) का जम्मू-कश्मीर में बड़ा जुटान हुआ. बड़ी बात तो ये है कि कांग्रेस के सभी बागी इस दौरान भगवा पगड़ी में नजर आये.
G-23 में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हैं, जिन्होंन पिछली बार पार्टी में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसके बाद काफी बवाल भी हुआ था. अब सभी बागियों ने एक बार फिर से पार्टी नेतृत्व पर बड़ा हमला बोला है.
असंतुष्ट नेता कपिल सिब्बल ने जम्मू में शांति-सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है. उन्होंने कहा, सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे. हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं. सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है. इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं. उन्होंने आगे कहा, पहले भी इकट्ठा हुए थे. हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है. उन्होंने गुलाम नबी आजाद को लेकर भी कहा, हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले. हालांकि इस दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया और कहा, गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है. सिब्बल ने कहा, कांग्रेस अपने अनुभव का प्रयोग नहीं कर पा रही है.
शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं. उन्होंने कहा, आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.
शांति-सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ट नेता आनंद शर्मा ने भी माना कि पिछले एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है. उन्होंने कहा, हमारी आवाज पार्टी की बेहतरी के लिए है. इसे एक बार फिर से हर जगह मजबूत किया जाना चाहिए. नयी पीढ़ी को (पार्टी से) जुड़ना चाहिए. हमने कांग्रेस के अच्छे दिन देखे हैं. हम बड़े होते हुए इसे कमजोर होते हुए नहीं देखना चाहते.
उन्होंने ने भी आजाद के रिटायरमेंट को लेकर कहा, 1950 के बाद कभी ऐसा अवसर नहीं आया जब राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर का कोई प्रतिनिधि न हो.
आनंद शर्मा ने कहा, यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं है. हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है. उन्होंने कहा, हम कांग्रेस को बनाएंगे. हम कांग्रेस की ताकत और एकता में विश्वास करते हैं.
इधर बॉलीवुड अभिनेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर ने कहा, लोग कहते हैं- जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23. महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था. कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है. जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने.
गौरतलब है कि सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में जब कार्यकाल समाप्त हो रहा था और पार्टी में एक बार फिर से राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाये जाने की मांग उठ रही थी, तो सिब्बल और आजाद की अगुआई में असंतुष्ट नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया था. हालांकि उस घटना के बाद सोनिया और राहुल ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश भी की.
(इनपुट www.prabhatkhabar.com)