नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के दफ्तरों में 50 फीसद स्टाफ घर से काम करेगा। इस संबंध में उपराज्यपाल अनिल बैजल को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। इस बाबत दिल्ली के मुख्य सचिव ने आदेश भी जारी कर दिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे उपराज्यपाल ने मान लिया। यह आदेश सोमवार से ही प्रभावी हो गया है।
पता दें कि फिलहाल सरकारी दफ्तरों में 100 फीसद स्टाफ काम कर रहा है। आदेश के बाद दिल्ली सरकार के ग्रेड-एक और उच्च अधिकारियों को छोड़कर बाकी स्टाफ में से 50 फीसद ही दफ्तर आएंगे। विभाग के मुखिया यह तय करेंगे कि आधे लोग घर से काम करें और बाकी को दफ्तर बुलाया जाए। प्राइवेट संस्थाओं को भी सलाह दी गई है कि दफ्तरों में शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए स्टाफ को बुलाएं। प्राइवेट ऑफिस भी वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दें और जहां तक संभव हो कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत दी जाए। राजस्व विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा था।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 25 नवंबर को जारी किए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक सरकारी दफ्तरों में सीमित स्टाफ के साथ काम करने को लेकर यह प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि, जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों पर यह प्रस्ताव लागू नहीं होगा। जरूरी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में काम करने वाले कर्मचारियों को इस प्रस्ताव के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी।
प्रस्ताव के अनुसार सरकारी दफ्तरों, स्वायत्त संस्थानों, पीएसयू, निगमों, स्थानीय निकायों में यह नियम लागू होगा। दिल्ली सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि नई व्यवस्था 31 दिसंबर तक लागू की जानी है। अगर स्थिति में कुछ बदलाव होता है तो सरकार नया आदेश जारी करेगी।
प्रस्ताव के तहत स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़े प्रबंधन, पुलिस, जेल स्टाफ, होम गार्ड, सिविल डिफेंस, आपातकालीन सेवाएं, जिला प्रशासन, सफाई, पानी, बिजली, आपदा प्रबंधन समेत कोरोना से लड़ाई में जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को पूर्ववत काम पर आना होगा।
(इनपुट jagran.com)