नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के मामले में विधानसभा पैनल के नोटिस के खिलाफ फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की सुनवाई कोर्ट बुधवार को करेगा। दिल्ली विधानसभा के शांति और सद्भाव पैनल ने अजीत मोहन को नोटिस जारी किया है।
विधानसभा के पैनल ने बीते मंगलवार को फेसबुक पर लगे आरोपों की सुनवाई के दौरान उसका कोई प्रतिनिधि पेश नहीं होने पर उसे अंतिम नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक और पैनल के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि फेसबुक के किसी प्रतिनिधि का समिति के सामने पेश नहीं होना, न केवल विधानसभा की अवमानना है बल्कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान भी है।
पैनल ने फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट तथा प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को नोटिस भेजकर देश में कथित रूप से घृणास्पद सामग्री पर रोक लगाने के लिए जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं करने की शिकायतों के संबंध में पेश होने के लिए कहा था।
फेसबुक के वकील ने पैनल के नोटिस के जवाब में कहा था कि चूंकि, मामला संसद के समक्ष विचाराधीन है। ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस पर राघव चड्ढा ने फेसबुक पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ”पैनल के समक्ष पेश होने में फेसबुक की नाकामी दर्शाती है कि वह दिल्ली दंगों में अपनी भूमिका छिपाना चाहता है।” चड्ढा ने पैनल के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद फेसबुक को अंतिम नोटिस जारी करने का फैसला किया था। फेसबुक को ताजा समन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप जारी किया जाएगा।
विधानसभा पैनल ने अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ की एक खबर के बाद यह कार्यवाही शुरू की थी। इस खबर में दावा किया गया था कि फेसबुक इंडिया के एक वरिष्ठ नीति निर्धारक ने कथित रूप से भड़काऊ पोस्ट साझा करने वाले तेलंगाना के भाजपा विधायक को स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने में रुकावटें पैदा की थीं।