इस्लामाबाद: पाकिस्तान के तेजतर्रार नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को नवगठित विपक्षी गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (पीडीएम) के पहले अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया है। यह 11 विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए बनाया गया एक सरकार विरोधी गठबंधन है।
यह निर्णय शनिवार को विपक्षी दलों की एक आभासी बैठक (वर्चुएल मीटिंग) में लिया गया। इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पीडीएम की संचालन समिति के संयोजक एहसान इकबाल के अनुसार नवाज शरीफ ने गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में 67 वर्षीय रहमान का नाम प्रस्तावित किया और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल और अन्य ने इसका समर्थन किया।
खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शरीफ ने शुरू में प्रस्ताव दिया था कि रहमान को स्थायी आधार पर अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, लेकिन बिलावल और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता अमीर हैदर होती ने इस विचार का विरोध किया और सुझाव दिया कि अध्यक्ष पद घटक दलों के नेताओं को बारी-बारी से दिया जाना चाहिए।
खबर के अनुसार नेताओं के बीच एक समझौता हुआ कि रहमान को पहले चरण में पीडीएम का नेतृत्व करना चाहिए क्योंकि उन्होंने पहले ही पिछले साल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी नीत सरकार के खिलाफ आजादी मार्च का नेतृत्व किया था। बैठक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में से एक ने कहा कि ‘चूंकि मौलाना पहले ही पूर्वाभ्यास कर चुके हैं और उनकी पार्टी अधिक अनुशासित है और जनता को प्रभावी ढंग से लामबंद करने की क्षमता है, इसलिए पहले और निर्णायक चरण में वह सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं।’
ज्यादातर प्रतिभागियों की राय थी कि निरंतरता बनाए रखने के लिए, यह आवश्यक है कि पीडीएम अध्यक्ष सहित प्रमुख पदाधिकारियों का कार्यकाल चार से छह महीने से अधिक न हो। इकबाल ने कहा कि यह फैसला लिया गया कि 11 दलों के गठबंधन में तीन मुख्य पार्टियां बारी-बारी से पीडीएम के तीन शीर्ष पदों को साझा करेगी।
पीडीएम के उपाध्यक्ष और महासचिव पद क्रमश: पीएमएल-एन और पीपीपी को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संविधान के सर्वोपरि होने, लोकतंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका और पाकिस्तानियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। देश की 11 विपक्षी पार्टियों ने 20 सितंबर को पीडीएम के गठन की घोषणा की थी।
वहीं, रहमान की नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि ‘यह पाकिस्तान के लिए एक दुखद दिन है कि विपक्षी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए आतंकवादी समूहों के साथ एक ‘चरमपंथी मुल्ला’ चुना जाता है।’
(इनपुट amarujala.com)