दिल्ली:पिछले साल सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन और पुलिसिया कार्रवाई को 15 दिसंबर को एक साल पूरा हो गया। इसके लिए कुछ लोग मंगलवार शाम को बटला हाउस इलाके में जमा हो गए। इन्होंने कैंडल लाइट मार्च निकालने की कोशिश की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैंडिल मार्च में उमर खालिद की मां और बहन भी शामिल थीं, जिनको पुलिस ने हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया। हालांकि इस मामले में पुलिस ने कुछ नहीं कहा।
पुलिस का कहना है कि इन्हें समझाते हुए घर भेज दिया गया। इनमें कुछ महिलाएं भी थीं। पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। लेकिन उन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। जानकारी के मुताबिक जेएनयू के पूर्व छात्र और यूएपीए के तहत गिरफ्तार उमर खालिद की मां और बहन को अचानक दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। शाम करीब 6:30 बजे पुलिस उन्हें उठाकर ले गई और रात 9:30 पर घर छोड़ दिया गया।
साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने बताया कि किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। यहां कैंडल मार्च निकालने की कोशिश करने वाले लोगों को समझाकर उन्हें उनके घर भेज दिया गया। उन्हें इस तरह से कोरोना फैलने के बारे में बताया गया। पुलिस ने कहा कि इनमें कुछ महिलाएं भी थी। लेकिन इनमें क्या उमर खालिद की मां या उनके परिवार से कोई और महिला थी। इस बारे में पुलिस ने कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
(इनपुट navbharattimes.indiatimes.com)