रांची में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में राज्यपाल रमेश बैस ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सोमवार को डीजीपी, एडीजी (अभियान) के साथ डीसी और एसएसपी को तलब किया। उन्होंने हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जानकारी लेते हुए कई सवाल किए। साथ ही कई निर्देश भी दिए। राज्यपाल ने चिह्नित उपद्रवियों की तस्वीर नाम और पता के साथ शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाने को कहा। गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार उपद्रवियों के पोस्टर चौराहों पर टांग चुकी है।
राज्यपाल ने पूरे मामले की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने की चेतावनी भी दी। राज्यपाल ने इसके अलावा पिछले हफ्ते अपराध से जुड़ी चार प्रमुख वारदातों के बारे में भी जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के ज्यादातर सवालों पर अधिकारी चुप रहे।
राज्यपाल ने पूछा कि प्रदर्शन के दौरान निरोधात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वाटर कैननस रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ। क्यों पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने हेलमेट-प्रोटेक्टिव गियर नहीं पहन रखा था। अब तक कितनी गिरफ्तारियां हुईं और कितनी एफआईआर की गई। घटना के बारे में क्या इनपुट थे और उससे निपटने के क्या इंतजाम थे। कितने पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट तैनात थे। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं उनकी पहचान कर दंडित करें। पूछा कि क्या ऐसे लोगों की पहचान हुई है और उन पर क्या कार्रवाई की गई।
पुलिस ने अब तक जहां 12 लोगों को गिरफ्तार किया है तो 35 अन्य को अलग अलग जगहों से उठाया है। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार लोगों में से सात का अभी रिम्स में इलाज चल रहा है। वहीं 5 थाना क्षेत्रों में रहने वाले 155 लोगों पर 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, कॉल डंप और ड्रोन कैमरा के जरिए अन्य उपद्रवियों की पहचान करने में जुट गई है। हिंसा के बाद पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जुट गई है। इसी क्रम में विशेष जांच दल 42 स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है। डोरंडा, लोअर बाजार, डेली मार्केट और हिंदपीढ़ी थाने में 36 नामजद के अलावा 11 हजार अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।