भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट सिडनी में जारी है। वहीं, दोनों टीमों के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी टेस्ट 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में खेला जाना है, मगर टीम इंडिया वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से वहां की यात्रा नहीं करना चाहती है या यूं कहें कि मतलब गाबा के मैदान पर टीम इंडिया चौथा टेस्ट नहीं खेलना चाहती।
इसकी दो वजहें हैं। पहली तो ये हो गई कि, कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए वहां तीन दिनों के लिए कड़ा लॉकडाउन लगा दिया गया है। यानी 11 जनवरी तक वहां लॉकडाउन रहेगा। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि सिडनी से आने वाले लोगों को सात दिन का क्वारंटीन अनिवार्य है। वहीं, दूसरी वजह ये कि बीसीसीआई को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज का डर भी सता रहा है।
गौरतलब है कि पांच फरवरी से टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज खेलनी है। ऐसे में बीसीसीआई को कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे के साथ-साथ ब्रिटेन से शुरू हो रही फ्लाइटों को लेकर दिल्ली सरकार के अहम आदेशों का भी डर सता रहा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों का दिल्ली एयरपोर्ट पर अनिवार्य रूप से कोरोना का आरटीपीसीआर होगा।
साथ ही इस टेस्ट में आने वाले खर्च का भुगतान भी यात्रियों को ही करना होगा। आरटीपीसीआर टेस्ट में जो भी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे, उन्हें एक अलग इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जाएगा। वहीं जो यात्री निगेटिव पाए जाएंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से सात दिन के लिए संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा या फिर उन लोगों को सात दिन के लिए होम क्वारंटीन किया जाएगा।
बता दें कि दोनों ही टीमों को तय शेड्यूल के मुताबिक 12 जनवरी को ब्रिस्बेन पहुंचना है। फिलहाल नियमों के मुताबिक, खिलाड़ियों को कड़ी पाबंदी के साथ एक दिन होटल के कमरे में ही रहना होगा। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भारत को मौखिक आश्वासन दिया है कि क्वीन्सलैंड सरकार के साथ एक समझौता हुआ है, जिसके मुताबिक खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ होटल के अंदर एक दूसरे से मिल सकते हैं। वहीं, स्थानीय सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि अगर संक्रमण फैलता है तो वे लॉकडाउन को आगे बढ़ा सकते हैं।
(इनपुट .amarujala.com)