वाराणसी:देव दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गए हैं। उनके दौरे को लेकर वाराणसी में जोर-शोर से तैयारियां की गई हैं। घाटों की साफ-सफाई से लेकर रंग रोगन तक सारे इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा गया है। पीएम मोदी देव दीपावली का पहला दीया जलाएंगे। इस दौरान वाराणसी के घाट 15 लाख दीयों के जगमगाएंगे। बता दें कि पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार वाराणसी आए हैं। पीएम मोदी छह लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का उद्घाटन भी किया। यह सड़क वाराणसी को प्रयागराज से जोड़ेगी।
कृषि बिलों पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्रवाई कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है। पीएम ने कहा कि हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी देंगे। ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया गया है।
पीएम मोदी ने दावा किया कि सिर्फ दाल की ही बात करें तो साल 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 6 सौ करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गई लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानि लगभग 75 गुणा बढ़ोतरी की है। साल 2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के एमएसपी के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं। यानि लगभग ढाई गुणा ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने और इन पर इतना निवेश ही क्यों करते?
मोदी ने कहा कि हमारी सरकार मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। मुझे एहसास है कि दशकों का छलावा किसानों को आशंकित करता है, लेकिन अब छल से नहीं बल्कि गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है।
किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता तो पहले विरोध किया जाता था। लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाएं फैलाकर उसको आधार बनाया जा रहा है। फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा, जो अभी हुआ ही नहीं है। जो अभी हुआ ही नहीं जो कभी होगा ही नहीं, ऐसी बातें की जा रही हैं।’
(इनपुट navbharattimes.indiatimes.com)