नई दिल्ली. देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण (Corona Vaccination) का अभियान चल रहा है. इस समय भारत में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन के दो-दो डोज लोगों को लगाए जा रहे हैं. इस बीच कुछ दिन पहले कोविशील्ड (Covishield) का एक डोज दिए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. इसके बाद नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने स्पष्टीकरण दिया है कि कोविशील्ड की डोज में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इसकी दो डोज ही दी जाएंगी.
दरअसल ब्रिटेन के वैक्सीन टास्क फोर्स के प्रमुख कैट बिंगम ने पिछले साल बयान दिया था कि कोविड 19 महामारी से बचाव के लिए सिंगल डोज वाली वैक्सीन ही पर्याप्त हो सकती है. इसके बाद इस साल जॉनसन एंड जॉनसन के वैज्ञानिक ने भी दावा किया कि उनकी वैक्सीन का एक ही डोज कोरोना से बचाव कर सकता है.
ऐसे में भारत में भी इस बात की बहस छिड़ गई थी कि क्या कोविशील्ड की एक ही डोज पर्याप्त है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन ग्रुप के डायरेक्टर प्रोफेसर एंड्रयू जे पोलार्ड का कहना है कि प्रारंभिक दौर में कोविशील्ड को एक ही डोज वाली वैक्सीन के रूप में ही देखा जा रहा था. दरअसल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड के साथ ही मिलकर कोविशील्ड बना रहा है.
पोलार्ड का कहना है कि शुरुआत में हम लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन की एक ही डोज देकर कोरोना से उनका बचाव करना चाहते थे. लेकिन ब्रिटेन में लॉकडाउन के कारण अध्ययन का थोड़ा और वक्त मिल गया. अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज ली हैं उनमें इम्युनिटी अधिक बढ़ गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोलार्ड का कहना है कि कोविशील्ड के क्लीनिकल ट्रायल में यह पता चला कि इसकी एक ही डोज काफी कारगर है. टीकाकरण के जो आंकड़े जनवरी के बाद आए थे, उनमें भी इसकी पुष्टि हुई. ऐसे में यह जाहिर है कि इसकी एक डोज से ही अच्छे स्तर की सुरक्षा मिल जाती है. क्योंकि इसके बाद अगर कोई संक्रमित होता है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है.
वहीं ब्रिटेन के एक अध्ययन के अनुसार भारत में पाए गए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोविशील्ड की एक डोज 33 फीसदी ही प्रभावी है. इस पर प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा कि अगर प्रभाविकता दर कम भी हो, लेकिन वैक्सीन लेने वाले लोगों को संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े तो सब ठीक है. लेकिन अगर एक डोज लेने के बाद संक्रमण होता है और अस्पमाल जाना पड़े तो यह चिंतनीय होगा.