साहित्य माहिये-फ़रीदा अंजुम by क़िंदील February 13, 2021 February 13, 2021 6 views क्या शोख़ जवानी है… इस चांद से चेहरे की… क्या ख़ूब कहानी है। आंखों में हैं जो आंसू… रूत तेरे मिलन की है… हम कितने हैं बे क़ाबू। यह तल्ख़ हक़ीक़त है… कहते हैं जिसे उल्फ़त… इक तरफ़ा मुसिबत है। *पटना सिटी-8 0 comment 2 FacebookTwitterWhatsappTelegramEmail previous post दिल्ली-एनसीआर, पंजाब सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके, अभी तक नुकसान की खबर नहीं next post अमित शाह का कांग्रेस पर पलटवार, बोले- 70 साल का हिसाब लाए हो जो हमसे हिसाब मांग रहे हो Related Posts अपनी बातें कहा नहीं करते-शाहरुख़ अबीर February 23, 2021 बिला उन्वान – शाहरुख़ अबीर February 10, 2021 कोरोना-कोप-डॉ. अंजना सिंह सेंगर February 10, 2021 हम्द January 30, 2021 इक चमकता हुआ सितारा है। January 28, 2021 इक शख्स दर्द -ए- दिल की दवा मांगता... December 26, 2020 चैन लेने न दिया क़ल्ब तमन्नाई ने December 25, 2020 कोई आरज़ू नहीं है कोई मुद्दआ’ नहीं है-... December 19, 2020 ग़ज़ल – रईस सिद्दीक़ी December 15, 2020 ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला... December 12, 2020 Leave a Comment Cancel Reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.