साहित्य माहिये-फ़रीदा अंजुम by क़िंदील February 13, 2021 February 13, 2021 29 views क्या शोख़ जवानी है… इस चांद से चेहरे की… क्या ख़ूब कहानी है। आंखों में हैं जो आंसू… रूत तेरे मिलन की है… हम कितने हैं बे क़ाबू। यह तल्ख़ हक़ीक़त है… कहते हैं जिसे उल्फ़त… इक तरफ़ा मुसिबत है। *पटना सिटी-8 0 comment 2 FacebookTwitterWhatsappTelegram previous post दिल्ली-एनसीआर, पंजाब सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके, अभी तक नुकसान की खबर नहीं next post अमित शाह का कांग्रेस पर पलटवार, बोले- 70 साल का हिसाब लाए हो जो हमसे हिसाब मांग रहे हो Related Posts शिकवा -अल्लामा इक़बाल November 2, 2023 औरत और समाज-उक़्बा हमीद August 23, 2023 हैप्पी मदर्स डे (कहानी)- रख़शन्दा रूही मेहदी May 14, 2023 ग़ज़ल-शाहरूख़ अबीर May 5, 2023 ओह लेडी जस्टिस-डॉ ज़र्रीं हलीम April 29, 2023 ग़ज़ल-प्रेम किरन April 17, 2023 कवीता मर गई कल सांझ ढले(कवीता) – फहमीना... March 21, 2023 जिंगल बैल्स जिंगल बैल्स जिंगल आल द वे-... December 13, 2022 आओ नया भारत बनाते हैं-डॉ शमीम November 1, 2022 प्रेम गीत-सागर देहलवी August 30, 2022 Leave a Comment Cancel ReplyYou must be logged in to post a comment.