नई दिल्ली: दिल्ली में स्थित जमीअत उलमा हिंद के मुख्यालय में देशभर के नामचीन उलेमा और इमारत ई शरिया हिंद की अहम बैठक में जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी को सर्वसम्मति से 5वां अमीर-उल-हिंद चुना गया।
गौरतलब है कि अमीर-उल-हिंद हजरत मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुर का 21 मई 2021 को बिमारी के चलते निधन हो गया था। उसके बाद से यह पद खाली था, इसी को लेकर शनिवार को दिल्ली में स्थित जमीअत उलमा हिंद के मुख्यालय में देश के नामचीन उलेमा और इमारत ए शरिया ए हिंद के जिम्मेदारों की अहम अहम बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से मौलाना सैयद अरशद मदनी को 5वाअमीर-उल-हिंद चुना गया जबकि कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के बड़े बेटे मौलाना सैयद सलमान मंसूरपुरी को नायब अमीर उल हिंद बनाया गया।
बैठक में मुख्य रूप से जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी आदि शामिल है।
बता दें कि इमारत शरिया ए हिंद का गठन 1986 में हुआ था और सबसे पहले अमीर-उल-हिंद मौलाना हबीबुर्रहमान आज़मी बने थे, 1992 में पूर्व सांसद और जमीअत उलमा हिंद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद असद मदनी, 2006 में दारुल उलूम देवबंद के पूर्व मोहतमिम मौलाना मरगूब उर रहमान और 2011 से 21 मई 2021 तक जमीअत उलमा अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद कारगुजार मोहत्ममी मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी इस पद पर रहे हैं।
गौरतलब है कि अमीर-उल-हिंद इमारत ई शरिया ए हिंद के पूरे देश के अमीर होते हैं, इनके नेतृत्व में चांद देखे जाने की पुष्टि, यतीमो और विधवाओं को पेंशन व मदद आदि, समाज सुधार के काम और देश के मुसलमानों के मसाईल और समस्याओं का समाधान किया जाता है।