मोदी मंत्रिमंduडल में बिहार से दो मंत्रियों को शामिल किया गया है। पहली बार जनता दल यू भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुआ है। बिहार से केवल दो सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इनमें लोजपा और जदयू से एक-एक मंत्री बनाया गया है। जदयू से सांसद आरसीपी सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी कैबिनेट मंत्री बने हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी को जगह नहीं मिल सकी है। उनका नाम बिहार चुनाव के बाद से ही चल रहा था।
एलजेपी से पशुपति पारस को मंत्री बनाने से यह तय हो गया है कि एनडीए और बीजेपी के लिए चिराग पासवान कोई मायने नहीं रखते हैं। पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने को लेकर चिराग पासवान ने बड़ी चेतावनी भी दी है। उन्होने कहा है कि एलजेपी से निकाले गए सभी पांच सांसद अब निर्दलीय हैं। ऐसे में अगर उन्हें एलजेपी कोटे से मंत्री बनाया जाता है तो वह कार्रवाई करेंगे।
जनता दल यूनाइटेड के मंत्री बने राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। आरसीपी सिंह की गिनती जदयू में नीतीश कुमार के बाद नंबर दो पर होती है। वह पार्टी के नीति निर्धारक भी रहे हैं। नीतीश कुमार के कई अहम फैसलों में आरसीपी सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सबसे खास यह कि वे नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के निवासी हैं। आरसीपी सिंह वर्ष 1998 से नीतीश कुमार के साथ हैं। लंबे समय तक वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के रूप में भी काम करते रहे।
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की नीतीश सरकार के गठन के ठीक पहले बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाने का बड़ा फैसला किया। वे इसके पहले तक उपमुख्यमंत्री थे। तब इस फैसले के कई राजनीतिक अर्थ निकाले गए। इसे सुशील मोदी को बिहार की राजनीति में हाशिए पर धकेलने की कोशिश भी बताया गया। यह भी कहा गया कि पार्टी उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया। ऐसे में माना जा रहा था कि वह भी केंद्र में मंत्री बनेंगे। लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं है।
झारखंड से भाजपा की कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा सिंह को जगह मिल रही है। उन्हें राज्यमंत्री बनाया जाएगा। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को यादव कोटे से मंत्री बनाया जा रहा है। उन्हें बिहार में जदयू और भाजपा की आपसी खींचतान से उत्पन्न स्थिति का लाभ मिल रहा है। संगठन की सोच है कि उन्हें मंत्री बनाने से यादव कोटे के साथ-साथ झारखंड, बिहार और महिला कोटे को भी संतुष्ट किया जा सकता है। पिछले संसदीय चुनाव में राजद प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ कर भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी चुनाव जीतने के बाद पहले प्रदेश उपाध्यक्ष बनीं। इसके बाद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हरियाणा का सह प्रभारी भी बनाया गया।