हरिद्वार : हरिद्वार पहुंच कर जमीयत उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने महामंडलेश्वर कैलाशनंद निरंजनी अखाड़े के आचार्य से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना सैयद अरशद मदनी का निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद ने भगवा शाल ओढाकर और सिर पर उत्तराखंड की परंपरागत टोपी पहनाकर स्वागत किया और गंगा गाथा पुस्तक भेट की। वहीं मौलाना अरशद मदनी ने भी महामंडलेश्वर को हिंदी में अनुवादित कुरान शरीफ भेंट स्वरूप दी।
मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को हरिद्वार के दक्षिण काली मंदिर में पहुंचकर महामंडलेश्वर से मुलाकात की।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, जबरन धर्म परिवर्तन कराने से किसी भी धर्म के लोगों का भला नहीं हो सकता है। मुलाक़ात के बाद महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने कहा, हमारे बीच धार्मिक मामलों, आतंकवाद, राष्ट्रहित और एकता व भाई चारे पर सकारात्मक चर्चा हुई। हम हर परिस्थिति में एक साथ खड़े हैं और दुनिया तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि हम एक हैं।
इस दौरान मौलाना अरशद मदनी ने कहा भारत में सैकड़ों सालों से हिंदू मुसलमान प्यार मोहब्बत के साथ एक साथ रहते चले आ रहे हैं। इसका मतलब है यह है। हिंदू और मुसलमान का खून एक ही है। उनकी बिरादरियां एक हैं, उनकी जुबान एक हैं। उनकी शक्लों सूरत एक हैं। उनका रहन-सहन भी एक तरीका का है, उनकी धार्मिक गतिविधियां जरूर अलग है। लेकिन सांप्रदायिक ताकतें धर्मों के नाम पर भेदभाव पैदा करके उन्हें बांटने की कोशिश और राजनीति करने का काम कर रही हैं। मैं ये समझता हूं, जिस भी आदमी को अपने मजहब से थोड़ा बहुत संबंध है। उसे इस नफरत का समर्थन नहीं करना चाहिए। हमें यह समझने की जरूरत है कि फिरकापरस्त पार्टिया आग लगाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि हम देश से नफरत को खत्म करने और यहां के प्यार मोहब्बत को बरकरार रखने के लिए कोशिशें कर रहे हैं, हरिद्वार आने का भी यही मकसद है। हम मजहबी लोग है, अगर हमारी आवाज इस नफ़रत के खिलाफ उठेगी, प्यार व मोहब्बत और इंसानियत की बुनियाद पर एक दूसरे के साथ इंसानों जैसा बर्ताव करने की आवाज उठेगी। तो मैं यह नहीं समझता हूं कि वह बेअसर या बेकार हो जाएगी।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, जबरन धर्मांतरण कराना गलत है। चाहे वह किसी भी धर्म का हो। हालांकि अपनी मर्जी से कोई भी किसी भी धर्म को अपना सकता है। जबरन किए गए धर्म परिवर्तन का कोई एतबार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि दोनों धर्मगुरुओं की आवाज एक साथ उठेगी तो देश में भाईचारा और अमन शांति कायम होगी।