पटना:तारापुर के नवनिर्वाचित विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वे भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। इसके बाद जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए। कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
वहीं मेवालाल चौधरी के मंत्री बनाए जाने से मुंगेर के लोगों में हर्ष का माहौल है। इससे पहले मुंगेर जिले से शैलेश कुमार को मंत्रिमंडल में जगह मिली थी। तारापुर से कड़े संघर्ष के बाद डॉ चौधरी दूसरी बार विधायक निर्वाचित किए गए हैं। मंत्री बनने क्षेत्र के लोगों को तारापुर के विकास की उम्मीद जगी है। इससे पहले वर्ष 2010-15 में उनकी पत्नी स्व. नीता चौधरी यहां से विधायक निर्वाचित हुई थीं।
डॉ मेवालाल चौधरी तारापुर प्रखंड के कमरगांव गांव के निवासी है। मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रहीं। वे जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं। वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी। मेवालाल चौधरी के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा रवि प्रकाश अमेरिका में तो छोटा बेटा मुकुल प्रकाश आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
(इनपुट livehindustan.com)