हैदराबाद:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के देश में ‘सेकुलरिज्म’ के खिलाफ बयान पर हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा पलटवार किया है। उन्होंने अपने सिलसिलेवार तरीके से किए गए ट्वीट में आरएसएस और योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि संघ को धर्मनिरपेक्षता से एलर्जी है क्योंकि वह देश को बहुसंख्यकों के स्टेट के रूप में देखता है।
ओवैसी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है। यह संविधान के अलग-अलग हिस्सों में भी दिखाई देता है। धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, बंधुता और समानता संविधान की प्रस्तावना का प्रमुख हिस्सा हैं। संविधान के आर्टिकल्स 14, 19, 22, 25, 26, 29 और 30 ये सभी हमारी धर्म निरपेक्ष परंपरा का रिफ्लेक्शन हैं। ओवैसी ने कहा कि संघ हमेशा सेकुलरिज्म को तीखी जबान से बोलता है। कभी वो कहते हैं कि भारत सेकुलर है क्योंकि अधिकांश भारतीय सेकुलर हैं। कभी कहते हैं कि सेकुलरिज्म ने भारतीय परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में रुकावट पैदा की है।
‘योगी का बयान देश की वैश्विक उपलब्धियों का अपमान’
ओवैसी ने कहा कि हम सेकुलर हैं क्योंकि हमारे देश के निर्माताओं ने ऐसा होना स्वीकार किया था। सिर्फ अंबेडकर नहीं बल्कि सरदार पटेल, केटी शाह और नेहरू भी इनमें शामिल थे। ऐसा इसलिए क्योंकि सेकुलरिज्म प्रगति की गारंटी है न कि ऐसी सरकार जो घृणा और इतिहास की कल्पनाओं से ग्रस्त हो। ओवैसी ने योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान न सिर्फ संविधान का बल्कि हमारी वैश्विक उपलब्धियों का भी अपमान है।
सेकुलरिज्म दोषी नहीं, पीएम जिम्मेदारः ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि हम कई अन्य विकासशील देशों के लिए एक मॉडल थे। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें (योगी आदित्यनाथ को) लगता है कि हमें सम्मान नहीं मिला तो उन्हें प्रधानमंत्री से शिकायत करनी चाहिए। यह सेकुलरिज्म की गलती नहीं है। सेकुलरिज्म के कारण चीन हमारी जमीनों पर कब्जा नहीं कर रहा है, सेकुलरिज्म की वजह से हमारे पड़ोसी लुकिंग ईस्ट के तहत चीन की ओर नहीं देख रहे हैं और भारत से सदियों पुरानी अपनी मित्रता छोड़ रहे हैं। ये सब प्रधानमंत्री की गलती है। यह सब पीएम मोदी की वजह से हो रहा है।
ओवैसी ने कहा कि वह सेकुलरिज्म को दोष देते हैं लेकिन यह उन्हें अयोध्या में भूमिपूजन से नहीं रोक पाया। यह उन्हें लगातार दूसरे धर्म के लोगों के विश्वासों पर हमला करने से नहीं रोक पाया। यह उन्हें (योगी को) गोरखपुर और मऊ में दंगा भड़काने के बाद भी मुख्यमंत्री हो जाने से नहीं रोक पाया। उन्होंने कहा कि क्या धर्म निरपेक्षता के इन घिनौने उल्लंघनों से दुनिया में हमारा कद बढ़ा है? क्या इसने हमारी परंपराओं की वैश्विक पहचान को बढ़ाया है?
योगी ने क्या कहा था?
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को रामायण विश्वमहाकोश की पूर्वपीठिका के विमोचन कार्यक्रम में कहा कि सेकुलरिज्म भारत की संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर लाने में बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि हमें इससे उबरकर सात्विक मन से प्रयास करना होगा।
(इनपुट navbharattimes.indiatimes.com)