नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है. ममता बनर्जी द्वारा ओवैसी पर निशाना साधे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल इमाम एसोसिशन ने कहा है कि वो राज्य में एमआईएम की राजनीतिक एंट्री का विरोध करेगा. एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि राज्य में ओवैसी की एंट्री सुनियोजित है. इसके जरिए अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण कर बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
एसोसिएशन ने यहां तक कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो एक नया संगठन बनाकर चुनाव लड़ेंगे और एमआईएम के प्लान को बर्बाद कर देंगे. गौरतलब है कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पास इस वक्त मुस्लिम मतों का एकमुश्त समर्थन है. कहा जाता है कि राज्य में 2011 के बाद मुस्लिम समुदाय परंपरागत रूप से तृणमूल का साथ देता आ रहा है.
इससे पहले तीन जनवरी को असदुद्दीन ओवैसी हुगली जिले में पहुंचे थे. उन्होंने प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात की. सिद्दीकी से मुलाकात कर ओवैसी ने चुनाव बिगुल के संकेत दे दिए हैं. माना जा रहा है कि ये दोनों मिलकर ममता बनर्जी के परंपरागत वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं.
हालांकि राज्य में तृणमूल के अलावा सीपीएम की तरफ से भी आरोप लगाया जा चुका है ओवैसी के पीछे बीजेपी का समर्थन है. कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी ने कहा था-हैदराबाद की एक पार्टी के जरिए मुस्लिम युवाओं का वोट बांटने के लिए बीजेपी करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए ओवैसी पर निशाना साधा था. इस पर जवाब देते हुए औवैसी ने कहा था कि आज तक ऐसा कोई आदमी पैदा नहीं हुआ जो असदुद्दीन ओवैसी को खरीद सके.
(इनपुट hindi.news18.com)