भोपाल:कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज हैं। पार्टी के कुछ नेताओं की चिट्ठी से कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक साल के लिए फिर से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस बीच पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का बयान है। दिग्विजय सिंह ने इस बयान से कांग्रेस में और टेंशन बढ़ेगी।
न्यूज चैनल आज तक से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा है कि पार्टी में जो आज असंतोष है, वो एक दिन में नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा है कि यह विवाद उसी दिन से बढ़ गया था, जब सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी थीं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था लेकिन पार्टी पर उनका नियंत्रण बना रहा। उन्होंने कहा कि इसके सबूत पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति में मिलता है।
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राहुल गांधी भले ही कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं थे लेकिन पर्दे के पीछे से पार्टी पर उनका नियंत्रण था। इस वजह से भी पार्टी नेताओं में असंतोष बढ़ा है। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी में असंतोष और परवान चढ़ा है। दिग्विजय सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा है कि मुकुल बनानी और केसी वेणुगोपाल की जगह राजीव सातव के नामांकन के लिए राहुल गांधी ने हामी भरी। इससे पार्टी में और नाराजगी बढ़ गई।
दरअसल, पिछले दिनों भी शरद पवार के सुर में सुर मिलाते हुए दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को नसीहत दी थी। उन्होंने सलाह देते हुए उन्हें और एक्टिव रहने के लिए ट्वीट किया था। इसे लेकर दिग्विजय सिंह पार्टी के अंदर ही घिर गए थे। तमिलनाडु के एक सांसद और राजीव सातव ने दिग्विजय सिंह पर हमला किया था।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि सोनिया गांधी का नेतृत्व सर्वमान्य है। यदि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना ही चाहती हैं, तो राहुल जी को अपनी जिद छोड़ कर अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेना चाहिए। देश का आम कांग्रेस कार्यकर्ता और किसी को स्वीकार नहीं करेगा।
(navbharattimes.indiatimes.com)