पटना में मरीजों के नाम पर ऑक्सीजन कौन पी रहा है? यह बड़ा सवाल है। इस संबंध में पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) में ऑक्सीजन घोटाले के बड़े खुलासे के बाद अब अन्य मेडिकल कॉलेज भी प्रशासन के रडार पर हैं। ऑक्सीजन की मारामारी के दौरान ही प्रशासन को इसकी भनक लग गई थी जिसके बाद पटना DM ने अपने स्तर से मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। DM ने पहले मेडिकल कॉलेजों के ऑक्सीजन की ऑडिट कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा था।
सिर्फ 3 मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत ऑक्सीजन की खपत
DM चंद्रशेखर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को भेजे पत्र में कहा था कि जिले में ऑक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता 7 हजार सिलेंडर की है, उनमें से 3 हजार सिलिंडर यही तीनों अस्पताल डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों से ऑडिट कराना आवश्यक है। भविष्य में इससे और समस्या बढ़ेगी। PMCH, NMCH और IGIMS में एक -एक हजार जम्बो मेडिकल सिलेंडर की मांग की जा रही है, जिसमें से PMCH को एक हजार, NMCH को एक हजार तथा IGIMS को 600 कुल तीनों संस्थानों को 2600 सिलेंडर प्रतिदिन दिया जा रहा है। अगर संस्थानों की जांच कराई जाएगी तो बड़ा खुलासा होगा।
ऑक्सीजन को लेकर प्रशासन सख्त
PMCH, NMCH और IGIMS में ऑक्सीजन को लेकर चल रहे खेल पर प्रशासन सख्त हो रहा है। DM ने ऑक्सीजन को लेकर जांच का आदेश दिया है। कालाबाजारी करने वाले ऑक्सीजन कहां से ला रहे हैं इसकी भी पड़ताल कराई जा रही है। DM का कहना है कि ऑक्सीजन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सख्त है। हर स्तर से जांच की जा रही है। किसी भी दशा में इसकी कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। ऐसे संस्थानों पर भी शिकंजा कसा जाएगा जहां से गड़बड़ी की आशंका है। गोपनीय शिकायत पर कालाबाजारी करने वालों को पकड़ा जा रहा है। शिकायत करने वालों का नाम भी गुप्त रखा जा रहा है।
रिपोर्ट से खुली पोल, रडार पर अन्य संस्थान
PMCH में ऑक्सीजन के बड़े खेल का खुलासा हुआ है जिसके बाद अन्य मेडिकल संस्थान रडार पर हैं। अस्पताल में आवश्यकता से अधिक खपत दिखाकर खेल किया जा रहा है। पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी टीम ने PMCH पर दी अपनी रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा किया है। ऐसे ही अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी गड़बड़ी हो रही है, जिसकी ऑडिट में पोल खुल सकती है। PMCH में पाया गया है कि 127 कोविड मरीजों पर अधिकतम 150 सिलेंडर की खपत होनी चाहिए थी, लेकिन चार्ट में 348 की खपत दिखाई गई। इसी तरह अन्य विभागों में भी मरीजों की जरूरत के हिसाब से सिलेंडर की खपत अधिक दिखाकर खेल किया जा रहा है। अब PMCH में ऑक्सीजन ऑडिट स्वतंत्र निकाय से कराने की मांग की जा रही है।