पैगंबर मोहम्मद स० पर विवादित टिप्पणी मामले में AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा, नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल पर एक्शन तब लिया जब मुस्लिम देशों (Muslim Countries) ने आपत्ति जताई. लेकिन जब देश के मुसलमान अपनी आवाज उठा रहे थे तब कोई कार्रवाई नहीं की.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के लातूर (Latoor) में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से नाराज हैं प्रधानमंत्री ने उन मुसलमानों (Indian Muslims) पर ध्यान नहीं दिया जो इस देश के निवासी हैं. लेकिन जब बाहर के देशों ने सोशल मीडिया (Social Media) पर अपना गुस्सा जाहिर किया तो तुरंत कार्रवाई कर दी गई.’ उन्होंने नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल का नाम लिए बिना कहा, “पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित बयान देने के लिए दोनों की गिरफ्तारी की जानी चाहिए. सरकार को अगर लगता है कि गलत हुआ है तो इन लोगों को गिरफ्तार करे तब इंसाफ होगा. अगर मैं पीएम मोदी के खिलाफ कुछ असंसदीय भाषा का उपयोग कर लूं तो बीजेपी के लोग ‘अरेस्ट ओवैसी’ का मुद्दा बना लेते हैं लेकिन हम 10 दिनों से उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं तो हमारी बात तक नहीं सुनी जा रही है.”
पैगंबर विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ?
नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर के खिलाफ विवादित टिप्पणियों ने देश विरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं वहीं भारत के लिए कूटनीतिक मुश्किलें भी खड़ी हो गई है. अलकायदा ने देश के कई शहरों और शहरों में हमले की धमकी दी है. कुवैत ने पहले ही भारतीय उत्पादों को अपने स्टोर से हटा लिया है. कुवैत, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, इंडोनेशिया समेत 15 से ज्यादा देशों ने इस टिप्पणी को लेकर विरोध जताया है. उधर मुंब्रा पुलिस ने नुपूर शर्मा को समन भेजा है और उन्हें 22 जून को पेश होने के लिए कहा है.
AIMPLB की कार्रवाई की मांग
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है. पैग़ंबर मोहम्मद पर अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेताओं (BJP Leaders) को पार्टी से निलंबित करने को तो सही बताया है लेकिन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) के खिलाफ कानून कार्रवाई करते हुए उन्हें कड़ी सजा दी जाए.