नई दिल्ली, (प्रेस रिलीज) सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने अपने प्रेस बयान में कहा कि रजाकार और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद कासिम रसूल इलियास के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने को शर्मनाक करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की है। एमके फैजी ने आगे कहा कि मुस्लिम विरोधी सीएआर, एनआरसी, एनपीआर विरोधी प्रदर्शनों के बाद से बिना किसी रुकावट के मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।
मौजूदा लॉकडाउन केंद्रीय आरएसएस सरकार के लिए मुस्लिमों और रजाकारों के खिलाफ अपने कट्टर एजेंडे पर अम्ल दर आमद करने का एक ढाल बन गया है। आरएसएस और उसके सहयोगी हक़ीक़त का सामने करने से डरते हैं और इख्तिलाफ इ राइ को खत्म करने के डरपे हैं। मतभेदों के कारण संघ सरकार द्वारा पीछा किए जाने के लिए SQR इलियास आखरी निशाना नहीं है।जिनको संघी हुकूमत ने विचार में मतभेद के कारण पीछा किया
SQR इलियास पर चांद बाग में “भड़काऊ” भाषण देने का आरोप है।
वास्तव में, दिल्ली राज्य चुनाव अभियान के दौरान, भाजपा नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए और ये ऐसे भाषण थे जिन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को हवा दी। वे सुरक्षा के साथ आज़ाद घूम रहे हैं और पीड़ितों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं जो देश में अपनी नागरिकता के लिए लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे थे जो इस देश में पैदा हुए थे। दिल्ली पुलिससे आज़ादी से क़ब्ल ब्रिटिश पुलिस की बू आती है।
वह संघ परिवार, मोदी-अमित की जोड़ी के किराये के सिपाही बन गए हैं और पुलिस केलिए एक बदनुमा दाग हैं । वे मुसलमानों के खिलाफ अपराधियों का समर्थन करते हैं और मुस्लिम संपत्ति को नष्ट करने में मदद करते हैं। दिल्ली पुलिस असली दोषियों को गिरफ्तार करने से डरती है और हिंदुत्व तास्सुब से प्रभावित लोगों के पीछे लगी हुई है।
एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने अधिकारियों से एसक्यूआर इलियास के खिलाफ एक फर्जी मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने और रजाकारों और मुसलमानों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के कायरतापूर्ण कृत्यों से बचने का आग्रह किया है। एमके फैजी ने आगे कहा कि देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष दलों को आगे आना चाहिए और आरएसएस द्वारा चलाए जा रहे केंद्र सरकार के अलोकतांत्रिक कार्यों को चुनौती देने केलिए आगे आना चाहिए।