स्टॉकहोम. तंजानिया के महान उपन्यासकार अब्दुलरज्जाक गुरनाह को 2021 का नोबेल साहित्य पुरस्कार दिया जाएगा. नोबेल अकादमी ने आज इसकी घोषणा की. गुरनाह ने उपनिवेशवाद और खाड़ी देशों में शरणार्थियों तथा उनके संस्कृतियों के बारे में अपने उपन्यासों में खूब चर्चा की है. अबतक कुल 117 लोगों को साहित्य का नोबेल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. इसमें 16 महिलाएं हैं.
गुरनाह का जन्म 1948 में तंजानिया के जंजीबार में हुआ था. आजकल वो ब्रिटेन में रह रहे हैं. यह पुरस्कार जीतने वाले वह पहले अफ्रीकी हैं. गुरनाह के 10 उपन्यासों में ‘मेमरी ऑफ डिपार्चर’, ‘पीलिग्रीम्स वे’ और ‘डोट्टी’ में प्रवासियों की समस्याओं और अनुभवों का जिक्र है.
गुरनाह ब्रिटेन में एक शरणार्थी के रूप में आए थे. इसलिए उनके उपन्यासों में शरणार्थियों का दर्द भी साफ झलकता है. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र से अंग्रेजी में लिखना शुरू कर दिया. वे केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर भी रह चुके हैं.