नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर चर्चा के बीच संसद के मानसून सत्र में भी पूरे देश के लिए जनसंख्या नियंत्रण बिल पर बहस होगी. जनसंख्या बिल को लेकर बीजेपी ने एक खास रणनीति भी बनाई है. दरअसल बीजेपी की योजना अपने राज्यसभा सांसदों के जरिये इस बिल को प्राइवेट मेंबर बिल की तरह राज्यसभा में पेश करके चर्चा कराने की है.
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा का पहले से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल पेश हो चुका है. मानसून सत्र में दूसरे हफ्ते के शुक्रवार को इस बिल पर चर्चा हो सकती है. सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मुद्दे पर प्राइवेट बिल पेश कर चुके है.
इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान कोविड संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण नहीं हुआ है उन्हें सत्र के दौरान संसद परिसर में प्रवेश से पहले आरटी-पीसीआर जांच करवाने को कहा जाएगा.
संसद भवन परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि 323 सांसदों का कोविड रोधी पूर्ण टीकाकरण हो चुका है, जबकि 23 सांसद कुछ चिकित्सीय कारणों के चलते टीके की पहली खुराक भी नहीं ले पाए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों सदनों की बैठक 11 बजे एक ही समय पर शुरू होगी. संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहती है और इसी के मद्देनजर उसने इसका एक मसौदा भी तैयार किया है. इस मसौदे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप राज्य विधि आयोग ने तैयार किया. विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है.