नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि किसानों को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है, उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इतना ही नहीं किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) में शामिल 16 किसान अभी भी लापता हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि 14 एफआईआर के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 122 किसानों को गिरफ्तार किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि किसानों को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है, उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उनका कहना है कि जिन किसानों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है संयुक्त किसान मोर्च उनका सारा खर्चा वहन करेगा।
मोर्चा के नेताओं ने दावा किया कि किसानों के खिलाफ ‘झूठे’ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उनका ‘उत्पीड़न’ करने के लिए उनपर डकैती तथा हत्या का प्रयास करने जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि मोर्चा गिरफ्तार किसानों में से प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये उपलब्ध कराएगा, ताकि वे जेल की कैंटीन में उससे भोजन खरीद सकें। मोर्चा के कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य कुलदीप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा और किसानों पर दर्ज ‘फर्जी मामलों’ के पीछे की ‘साजिश’ का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि फुटेज और तकनीकी जांच की मदद से आरोपियों सुखमीत सिंह (35), गनदीप सिंह (33) और हरविंदर सिंह (32) की पहचान की गई और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की गई।
पुलिस ने बताया कि सुखमीत और गनदीप दोनों पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर के निवासी हैं, जबकि हरविंदर लिबासपुर इलाके का निवासी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तरी जिले के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गणतंत्र दिवस पर बुराड़ी क्षेत्र में हुई हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
(इनपुट navbharattimes.indiatimes.com)