अनुवाद :शहला प्रवीण, दिल्ली विश्वविद्यालय
फिलहाल, पालतू गोदी मीडिया कलम विक्रेताओं, बिकाऊ, बेशर्म,सरकारी पक्षपाती से बना है।
भक्तों द्वारा देश भर में फैले आईटी सेल पूरी क्षमता, प्रौद्योगिकी, संसाधन, श्रमशक्ति, उत्साह और एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत में लगा हुआ हैं। ऐसे में, आज सोशल मीडिया बदनामी के विरोध में सच बोलने का मंच बन सकता है। यह विश्वास और विवेक का दरबार है।
(1) आज, सोशल मीडिया का सही उपयोग असत्य के अत्याचारी तंत्र के खिलाफ एक लोकपाल के रूप में उभरेगा।वह झूठ के पोल को खोलने में मदद करेगा और सच्चाई से अवगत होगा।गोदी मीडिया के लिए एक कठिन चुनौती बनकर उभरेगा।
(2) पीड़ितों की दर्दनाक खबर, लींचिंग, दंगाई, दंगों के कैमरे में कैद की गई तस्वीरें उनकी बेगुनाही साबित करेंगी।
(3) कीबोर्ड पर एक उंगली के स्पर्श से नि: शुल्क और तुरंत बहुत उपयोगी और आवश्यक जानकारी मिल सकती है।
(4) संचार के कई साधनों में, सबसे तेज और सबसे अधिक प्रभावी कम लागत वाला सभी के हाथों में है।
(5) निमंत्रण और उपदेश और संदेश पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन। संबंध बना कर कम खर्च में अपनी बात पहुंचाने और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने का एक आसान तरीका भी है।
(6) यह सही है कि इसका सही उपयोग आपकी पहचान बनाता है।
(7) इसके उपयोग में सावधानी भी आवश्यक है।आपका एक गलत प्रसारण दिलों में नफरत पैदा कर सकता है और इस्लाम से दूरी और नफ़रत का कारण भी बना सकता है और मुसलमानों की एक गलत छवि भी दे सकता है। उसी तरह, यह मीडिया को चटपटा मसाला प्रदान कर सकता है।
(8) बेमक़सद, निरर्थक, अश्लील नृत्य, चुटकुले, गपशप, सतही बातें, और झूठी खबरें फैलाना अपना समय और दूसरों के समय की बर्बादी है और अपने आप को संदिग्ध बनाता है। इससे बचिए।
(9) किसी की post की आलोचना करने से पहले अपनी राय और वाणी की सावधानी से जाँच करें।
भूल चूक की आलोचना आवश्यक है मगर
लेकिन ध्यान रखें कि उच्चारण खराब न हो।
(تنقید لغزشوں پہ ضروری تو ہے مگر
لیکن رہے خیال کہ لہجہ برا نہ ہو)
तर्क, सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्म-सुधार को मुख्य आधार बनाएं
निराशा, कम मनोबल, अवसाद के बजाय दृढ़ संकल्प, साहस और आशावाद को एक मशाल राह बनाऐ।
(10) सत्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोशल मीडिया का पूर्ण उपयोग करें, सच्चाई, न्याय और निष्पक्षता, राजनीतिक जागरूकता, राष्ट्रीय जागरूकता, धार्मिक सोच, नैतिक मूल्यों को विकसित करना, शैक्षिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य और कल्याण के सिद्धांतों को अपनाना, जागना और जागृत करना। सच्चाई और अच्छाई व्यक्त करने और इनकार करने से रोकने के लिए ऐसा करें।
आपका व्हाट्सएप ग्रुप, ट्विटर, फेसबुक, निजी समाचार पोर्टल, यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम एक प्रमुख भूमिका निभा सकेंगे।यदि 10 लाख समूह सही दिशा में प्रयास करते हैं, तो रचनात्मक परिणाम सामने आएंगे। जागरूकता की लहर होगी, सुधार होगा, एक वैकल्पिक नेटवर्क बनेगा।पूरे देश में रोजगार के अवसरों, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, राष्ट्रीय और धार्मिक गतिविधियों, मदरसों और मस्जिदों की त्रुटियों और सामूहिक कार्य और आवश्यकता के बारे में जागरूकता होगी।वास्तव में, यह समाज के कार्यों में सहायक होगा।
(लेख में व्यक्त राय लेखक के निजी विचारों पर आधारित हैं, किंदील का उन से सहमत होना आवश्यक नहीं है)