नई दिल्ली:महाराष्ट्र और देश की राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले शरद पवार यूपीए अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत प्रत्याशी बनकर उभरे हैं. अगले महीने सोनिया गांधी के हटने के बाद वो यूपीए के अध्यक्ष चुने जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने पद पर बने रहने की अनिच्छा जाहिर की है. सोनिया गांधी का मानना है कि इस पद के लिए उपयुक्त नेता जल्द ही मिल जाएगा. अब माना जा रहा है कि शरद पवार यूपीए अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं.
इसके अलावा कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए अगले साल के शुरुआती महीनों में चुनाव हो सकता है. इसका कारण ये है कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष बनने को लेकर अपनी अनिच्छा जाहिर कर दी है. लोकसभा चुनाव के बाद राहुल के अध्यक्ष पद से हटने की वजह से सोनिया गांधी को एक बार फिर यह जिम्मेदारी संभालनी पड़ी थी. लेकिन बीते महीनों के दौरान कांग्रेस में टॉप लीडरशिप को लेकर सवाल भी खड़े किए गए हैं.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार सोनिया गांधी का रिटायरमेंट पूरी तरह से होगा. पिछली बार वो कांग्रेस अध्यक्ष पद से तो हट गई थीं लेकिन यूपीए अध्यक्ष पद पर बनी हुई थीं. इस वजह से जल्द ही कांग्रेस और यूपीए दोनों के ही अध्यक्ष चुने जाएंगे.
यूपीए अध्यक्ष पद को लेकर एक ऐसे नेता की तलाश की जा रही है जो कद्दावर हो, साथ ही दूसरी पार्टियों के साथ तालमेल बिठाने में कुशल हो. क्षेत्रीय क्षत्रप जैसे ममता बनर्जी और एमके स्टालिन संभवत: राहुल गांधी के साथ तालमेल न बिठा सकें. साथ ही कांग्रेस बीते सालों में कमजोर भी हुई है. यूपीए में कांग्रेस की हैसियत भी कमजोर पड़ी है. ऐसे में किसी ऐसे नेता की तलाश है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने में पूरी तरह सक्षम हो.
सूत्रों का कहना है कि पवार का नाम इसके लिए सबसे मजबूत है. इस मराठा नेता के तकरीबन सभी पार्टियों के साथ बेहतर संबंध हैं. यह बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद काफी हद तक साबित भी हुई. चुनाव के बाद शरद पवार ही कांग्रेस और शिवसेना को साथ लेकर आए थे और सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी को विपक्ष में बैठना पड़ा.
(इनपुट hindi.news18.com)