उर्दू भाषा और पुस्तकों से प्रेम रखने वाले बड़ी संख्या में शामिल हों: प्रो. धनंजय सिंह
नई दिल्ली: राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण योजना उर्दू पुस्तक मेला भी है। परिषद हर साल दस दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन करती है, जिसमें देश के प्रसिद्ध और जाने-माने उर्दू प्रकाशक अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक और साहित्यिक पुस्तकों के साथ भाग लेते हैं। इसके लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर उर्दू आबादी वाले शहरों को चुना जाता है, ताकि वहां के लोगों में उर्दू भाषा और उर्दू किताबों के प्रति नए सिरे से उत्साह और रुचि पैदा हो। इस बार परिषद ने मुंबई की प्रसिद्ध शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्था अंजुमन इस्लाम के सहयोग से इस मेले को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह पुस्तक मेला 6 जनवरी 2024 से 14 जनवरी 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
परिषद के निदेशक प्रोफेसर धनंजय सिंह ने इस महोत्सव के प्रति असाधारण उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उर्दू प्रेमी और इस भाषा से मुहब्बत रखने वाले बड़ी संख्या में हैं, हजारों उर्दू माध्यम के स्कूल और कॉलेज हैं और छात्रों में भी उर्दू सीखने का असाधारण जुनून है, इसलिए हमने इस वर्ष परिषद के राष्ट्रीय उर्दू पुस्तक मेले को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुझे उम्मीद है कि मुंबई और उपनगरों के सभी उर्दू प्रेमी असाधारण रुचि दिखाएंगे, बड़ी संख्या में किताबें खरीदेंगे और उनका अध्ययन करेंगे, जो उनकी शैक्षणिक और साहित्यिक रुचि को संतुष्ट करेगा। उन्होंने कहा कि इस मेले में पूरे भारत से दर्जनों पुस्तक प्रकाशक भाग लेंगे और सभी प्रकार की शैक्षणिक एवं साहित्यिक पुस्तकें उचित मूल्य पर आसानी से उपलब्ध होंगी। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि परिषद के पुस्तक मेले हमेशा सफल रहे हैं और अब तक परिषद के तत्वावधान में विभिन्न शहरों में पच्चीस मेलों का आयोजन किया जा चुका है। पिछले वर्ष तमिलनाडू के वनियमबाड़ी में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें साहित्य प्रेमियों ने कमोबेश पचास लाख की किताबें खरीदकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उर्दू समुदाय मुंबई पुस्तक मेले में अधिक से अधिक रुचि दिखाएगा और यह मेला पिछले उर्दू पुस्तक मेलों की तुलना में अधिक सफल साबित होगा।