फाउंडेशन के तीन वर्ष पूरे होने पर चिंतन बैठक का आयोजन , विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा
प्रेस रिलीज़ (नई दिल्ली – 11 जनवरी 2021) शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है – लाज़मी बुनियादी तालीमी एक्ट के बावजूद हमारे देश में बहुत से बच्चे बुनियादी शिक्षा से वंचित हैं . अच्छी शिक्षा ग्रहण किये बिना ज़िन्दगी के मैदानों में कामयाब होना मुश्किल है – दी विंग्स फाउंडेशन , दिल्ली के तीन वर्ष पूरे होने पर आज यहाँ डायनामिक इंस्टिट्यूट , बटला हाउस में आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अनवारुल हक़ ने उपरोक्त बातें कहीं – उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में तालीम हासिल कर रहे बच्चों की तालीम और तरबियत हमारा मिशन है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं है- उन्होंने गत तीन वर्षों की अवधि में किये गए कामों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारे फाउंडेशन ने दर्जनों ऐसे बच्चों की तरबियत की जो अंग्रेजी और उर्दू में ठीक से एक जुमला भी पेश नहीं कर सकते थे, मगर आज वह अंग्रेजी में अच्छी तरह बात कर पा रहे हैं – उन्होंने कहा कि हम देश व्यापी स्तर पर ऐसी संस्थाएं स्थापित करना चाहते हैं जहां बुनियादी शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा मुहैया किया जा सके – इस अवसर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर खालिद मुबश्शिर ने कहा कि दी विंग्स फाउंडेशन ने अपने सिमित संसाधनों में बच्चों को जिस प्रकार शिक्षा दी है, वह अभूतपूर्व और बेमिसाल है- उन्होंने यह सलाह दी कि बहुत संगठित ढंग से कौम के नौजवानों और बच्चों को नवोदय विद्यालय के नामांकन परीक्षा के लिए तैयार करना चाहिए ताकि गरीब बच्चों को बेहतरीन संस्थानों में मुफ्त शिक्षा मिल सके- विंग्स फाउंडेशन के जेनरल सेक्रेटरी डॉ.जावेद हसन ने बताया कि फिलहाल देश की तीन राज्यों में फाउंडेशन के तहत शिक्षा केंद्र चल रहे हैं, जहां बच्चों की शिक्षा दीक्षा का बहुत ही उत्तम प्रबंध किया जा रहा है- उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों और माहिर-ए-तालीम से बातचीत हो रही है और हम एक बेहतरीन पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं- डॉ मंजर इमाम ने कहा कि दी विंग्स फाउंडेशन जिस तरह से काम कर रहा है, उसी तरह से बहुत सी दूसरे फाउंडेशनों को भी काम करना चाहिए ताकि हमारा समाज शिक्षा के प्रति जागरूक हो सके – डॉ नोमान क़ैसर ने कहा कि जो शिक्षित व्यक्ति हैं उन पर यह कर्तव्य है कि वह देश के जो अशिक्षित वर्ग तक शालीमार शिक्षा को पहुंचाने का काम करें क्योंकि शिक्षा ही में ही देश और कौम जी के विकास का राजनीत है इनके अतिरिक्त अली अब्बास लद्दाखी, कारी मसूद, सुहेल, हाजी हसनैन अशरफ, इफ्तिखार ने भी अपने विचार व्यक्त किए – इस कार्यक्रम में डॉ. सलमान अबदुस्समद , डॉ. खान रिज़वान, नजमुद्दीन रहमानी, सारा खैरी, शबाना नाज़, शफ़क़ कमाल, मोहम्मद नफीस के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे-