देवबन्द:(वजाहत शाह)यह ख़बर इंतहाई अफसोस के साथ पढ़ी जाएगी के नामवर उस्ताज़ और क़लमकार जनाब मंजूर उस्मानी साहब अब हमारे बीच नही रहे। उनका ताल्लुक़ देवबन्द के क़दीम उस्मानी ख़ानवादे से था और वह लंबे समय से दिल्ली में मुक़ीम थे।वहीं पर उनका निधन हुआ है।
3 जनवरी 1935 को देवबन्द में जन्मे मंजूर उस्मानी MA(इंग्लिश,हिस्ट्री)B ED(AMU अलीगढ़)थे।आप दिल्ली में प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए थे।लेखन के क्षेत्र में आपकी लगभग 20 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।जिनमे रिटायर हुए हम,बड़ा बे अदब हूँ, ग़ालिब के घर शादी,दुनिया रंग रंगीली,यादें मेरे अपनों की,ख़ुशबू ए वतन,चमन दर चमन,सद गुलिस्तां,दरसे हयात के नाम क़ाबिले ज़िक्र हैं।उनकी 4 किताबों को सम्मान भी मिला।शिक्षा के क्षेत्र में वो “बेस्ट टीचर” और “अवार्ड बराये तेहक़ीक़ी अदब” से भी नवाज़े जा चुके थे।