नई दिल्ली: COVID-19 Vaccine: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े कोरोनावायरस टीकाकरण कार्यक्रम (Coronavirus Vaccine Drive) की शुरुआत की. प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन के निर्माण कार्य में जुटे लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन से जुड़े तमाम लोग प्रशंसा के हकदार हैं, जो महीने से वैक्सीन बनाने में जुटे थे. उन्होंने ना दिन देखा और ना रात. आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन इतने कम समय में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं.प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जनता को सलाह दी है कि वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद दूसरी डोज लेना बहुत जरूरी है.
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस वैक्सीनेशन महाअभियान शुरू करते समय कहा कि मेडिकल और पैरामेडिकल कर्मचारी वैक्सीन के सबसे बड़े हकदार हैं. इसके बाद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग जैसे सुरक्षा बलों, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी आदि को वैक्सीन दी जाएगी. इनकी संख्या तीन करोड़ है. भारत सरकार इनके वैक्सीन का खर्च उठाएगी.
2. कोरोना वैक्सीन के लिए देश के कोने-कोने में ट्रायल रन और ड्राई रन हुआ है. वैक्सीन के विशेष तौर पर को-विन को लॉन्च किया गया.
3. कोरोना वैक्सीन की दो डोज बहुत जरूरी है. एक लगने के बाद दूसरे को भूलने की गलती मत कीजिएगा. वैक्सीन की दोनों खुराक लगने के 2-3 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी. इस दौरान, मास्क लगाना न भूलें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें.
4. भारत में वैक्सीनेशन के पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को टीका दिया जा रहा है. दूसरे चरण में इसे 30 करोड़ तक ले जाना है. सिर्फ तीन देशों की आबादी 30 करोड़ से ऊपर है. इसमें खुद भारत, अमेरिका और चीन शामिल हैं.
5. हमारे वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी. इस देशवासियों को वैक्सीन को लेकर फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा और अफवाहों से बचकर रहना है.
(input khabar.ndtv.com)